
भाजपा के लिए जीत का ईक्का साबित हुए ये नेता, 27 साल बाद दिल्ली में फहराया जीत का परचम
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत और आम आदमी पार्टी की हार की कई वजहें हैं। इन वजहों में उन नेताओं का दल बदलना भी शामिल है जिनके कारण आप को नुकसान और भाजपा को फायदा हुआ।?जैसे कि आम आदमी पार्टी में किसी समय नंबर 2 पर रहने वाले कैलाश गहलोत।?कैलाश?गहलोत ने आप छोडक़र भाजपा ज्वाइन की और वह एक सशक्त जाट चेहरा हैं जिसने आप को तगड़ा नुकसान पहुंचाया।?खासतौर पर बाहरी दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में कैलाश की अच्छी पकड़ का भाजपा को लाभ हुआ। दरअसल आतिशी के सीएम बनने से कैलाश गहलोत खुद को पार्टी में अलग-थलग महसूस कर रहे थे इसलिए उन्होंने पार्टी छोडऩा ही मुनासिब समझा।
इसके अलावा कांग्रेस के कद्दावर नेता अरविंदर लवली ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली और उन्हें पार्टी ने गांधीनगर सीट से चुनाव लड़वाया और वह जीत भी गए।?राज कुमार चौहान भी चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए थे।?चौहान को बीजेपी ने मंगोलपुरी सीट से उम्मीदवार बनाया था?और वह जीत भी गए।?भाजपा की जीत की एक वजह ओडिशा के केंद्रपड़ा सीट से लोकसभा के सांसद बैजयंत पांडा भी रहे।?इन्हें दिल्ली बीजेपी का प्रभारी नियुक्त किया गया था।?हाल ही में बैजयंत पांडा की कुशल रणनीति की वजह से ही ओडिशा में 24 साल से जमी-जमाई नवीन पटनायक की सरकार का अंत हो गया था।?
दिल्ली के पिछले नगर निगम चुनाव में भी बिजयंत पांडा ने ही बीजेपी की इज्जत बचाई थी।?सभी लोग मान रहे थे कि बीजेपी की हालत खराब हो जाएगी, लेकिन पांडा की कुशल रणनीति की वजह से बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर दी।?अब दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद उनका झंडा एक बार फिर से बीजेपी में बुलंद होने वाला है।?बीजेपी ने हरियाणा जीत के बाद बैजयंत पांडा को दिल्ली विधानसभा का चुनाव प्रभारी और गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग को सहप्रभारी बनाया था।

Editor