°
, March 14, 2025 in
Breaking News
छत्तीसगढ़टॉप - स्टोरीजट्रेंडिंग न्यूज़रायपुर
0

राजिम कुंभ कल्प का भव्य आयोजन 12 से 26 फरवरी तक

राज्यपाल श्री रमेन डेका करेंगे राजिम कुंभकल्प का शुभारंभ

आस्था, संस्कृति और आध्यात्म का त्रिवेणी संगम है राजिम कुंभ

राजिम कुंभ में पधारेंगे देशभर से साधु-संत और श्रद्धालु

रायपुर/

राजिम कुंभ कल्प का भव्य आयोजन 12 से 26 फरवरी तक
राजिम कुंभ कल्प का भव्य आयोजन 12 से 26 फरवरी तक
राजिम कुंभ कल्प का भव्य आयोजन 12 से 26 फरवरी तक

छत्तीसगढ़ के प्रयाग के रूप में प्रसिद्ध राजिम में माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होने वाले राजिम कुंभ कल्प 2025 की भव्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस वर्ष का आयोजन 12 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक होगा। नया मेला स्थल चौबे बांधा, राजिम में लगभग 54 एकड़ में यह भव्य मेला लगेगा। राज्यपाल श्री रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में 12 फरवरी को इस पवित्र मेले का शुभारंभ करेंगे। उनके साथ विशिष्ट संत महापुरुषों की उपस्थिति इस आयोजन को और भी दिव्य बनाएगी।

    राजिम कुंभ कल्प की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान बनी है। इस आयोजन से सांस्कृतिक समृद्धि, धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। इस बार के मेले में विशाल संत समागम, यज्ञ, प्रवचन, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम विशेष आकर्षण होंगे।

    इस वर्ष के राजिम कुंभ कल्प में देशभर के संत, महंत और आध्यात्मिक गुरु अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। शुभारंभ समारोह में शंकराचार्य आश्रम रायपुर के दंडी स्वामी डॉ. इंदुभवानंद तीर्थ जी महाराज, दूधाधारी मठ रायपुर के राजेश्री महंत श्री रामसुंदर दास जी महाराज, संत श्री विचार साहेब जी महाराज (श्री कबीर संस्थान, रायपुर), स्वामी डॉ. राजेश्वरानंद जी महाराज (सुरेश्वर महादेव पीठ, रायपुर) सहित अनेक संतों की उपस्थिति इस धार्मिक आयोजन की गरिमा को और बढ़ाएगी।

    राजिम कुंभ कल्प में धार्मिक अनुष्ठानों, प्रवचनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला होगी। त्रिवेणी संगम में प्रतिदिन संध्या 6.30 बजे महानदी आरती, मुख्य मंच, नया मेला स्थल, चौबे बांधा में शाम 4 बजे से 7 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। पूज्य डॉ. संजय कृष्ण सलिल जी महाराज, नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा 13 फरवरी से 19 फरवरी तक शाम 4 से 7 बजे तक भागवत कथा, संत श्री गुरूशरण जी महाराज पंडोखर सरकार, दतिया द्वारा 21 फरवरी से 25 फरवरी तक सत्संग दरबार तथा 12 फरवरी से 26 फरवरी तक राष्ट्रीय एवं आंचलिक कलाकारों द्वारा शाम 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी।

    छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित महानदी, पैरी और सोंधूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। विभिन्न पुराणों में इसे पद्मक्षेत्र या कमलक्षेत्र के रूप में उल्लेखित किया गया है। यहाँ के प्रमुख मंदिर-राजीवलोचन (विष्णु) और कुलेश्वर (शिव) का धाम हरिहर क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि जगन्नाथपुरी की यात्रा, राजिम के साक्षी गोपाल के दर्शन से ही पूर्ण मानी जाती है।

    यहां प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक विशाल धार्मिक मेला आयोजित किया जाता है। प्राचीन काल से चली आ रही इस परंपरा को ही राजिम कुंभ (कल्प) के रूप में मान्यता दी गई। इस दौरान कल्पवास, पर्व स्नान, धर्म प्रवचन, संत समागम और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है, जिसमें देशभर से तीर्थयात्री, नागा साधु, संन्यासी, विभिन्न पंथों-अखाड़ों के संत, महंत, मंडलेश्वर और जगद्गुरु शंकराचार्य पधारते हैं।

    राजिम कुंभ कल्प धर्म, आस्था और संस्कृति का संगम होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक शांति का संदेश भी देता है। यह मेला छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा और लोक संस्कृति का जीवंत प्रमाण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Call Now Button
Enable Notifications OK No thanks