°
, March 14, 2025 in
Breaking News
छत्तीसगढ़रायगढ़
0

मेडिकल कॉलेज में ट्रॉमा एन अपडेट पर आयोजित हुआ एक दिवसीय सेमीनार सह वर्कशॉप

विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जांच एवं उपचार के संबंध में दी जानकारी


रायगढ़। स्व.श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, रायगढ़ के निश्चेतना विभाग, जनरल सर्जरी विभाग एवं अस्थिरोग विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आज ट्रामा एन अपडेट विषय पर एक दिवसीय सेमीनार सह वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया डॉ.ए.एम.लकड़ा, विभागाध्यक्ष सर्जरी डॉ.अनिल कुमार हरिप्रिया, विभागाध्यक्ष अस्थि रोग, डॉ प्रवीण जांगड़े, डॉ.टी.के साहू, डॉ जया साहू एवं समस्त प्राध्यापक, चिकित्सक, पीजी छात्र, स्टाफ नर्स सहित प्रतिभागी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉ.ए.एम.लकड़ा ने बताया कि चिकित्सालय में जांच एवं उपचार हेतु आने वाले ट्रामा के मरीजों को बेहत्तर इलाज एवं उपचार हेतु वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। स्व.श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय विकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध संत बाबा गुरु घासीदास स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ में विगत एक वर्ष में जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक में रोड़ एक्सिडेंट के 1596, अन्य ट्रामा के 764, आसोल्ट (हमला)के 296, ट्रेन एक्सीडेंट के 12 इस तरह कुल 2668 केस मेडिकल कॉलेज के आपातकाल विभाग में आये हैं। इनमें अधिकतर केस ड्राइवर का मादक द्रव्य का सेवन कर वाहन चलाना, साथ ही वर्क लोड अधिक होने एवं समय में आराम नहीं करने के कारण, दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग नहीं करना, वाहन चालक के गति अत्यधिक होने के कारण, वाहन के पहियों का बनावट, गति तथा रोड़ की डिजाइनिंग एवं रख-रखाव कुछ ऐसे कारण है जो जान लेवा सिद्ध हो रहे है।
डॉक्टरों ने जांच एवं उपचार के संबंध में दी जानकारी
डॉ.ए.एम.लकड़ा ने आघात (ट्रॉमा) में प्राथमिक उपचार एवं स्थिरीकरण विषय पर विस्तृत चर्चा की तथा चिकित्सक, छात्र, स्टाफ नर्स के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान वक्ता डॉ प्रवीण जांगड़े द्वारा ट्रॉमा (आघात) में हड्डी फ्रैक्चर का प्रबंधन (प्राथमिक उपचार) विषय में जानकारी दी। वक्ता डॉ आशुतोष शर्मा ने छाती में चोट लगने के कारण मरीज की स्थिति गम्भीर होने एवं उसे जल्द निदान कर उसकी जान कैसे बचाया जा सकता है जैसे गंभीर विषय में अपनी प्रस्तुति दी। डॉ दिनेश पटेल ने ट्रॉमा आघात में चेहरे, गले की चोट का प्रबंधन, प्राथमिक उपचार में अपनी बात रखी और बताया कि आजकल चेहरे, जबड़े की प्लास्टिक सर्जरी संभव हो गई है जिससे चेहरा पहले की तरह बनाया जा सकता है। यह हमारे मेडिकल कॉलेज में संभव हैं। इस दौरान सभी उपस्थित चिकित्सक शिक्षक, चिकित्सक, पीजी छात्र, स्टाफ नर्स सहित सभी प्रतिभागियों के सवाल का जवाब दिया तथा चिकित्सक ट्रामा संबंधित विषय में एक-दूसरे से अपने अनुभव साझा किये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Call Now Button
Enable Notifications OK No thanks