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ऊर्जा सप्ताह 2025: भारत ने उज्जवल भविष्य के लिए कई समझौतों पर किए हस्ताक्षर

नई दिल्ली (आरएनएस)। भारत ने ‘भारत ऊर्जा सप्ताह 2025’ के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ये साझेदारियां भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और आधुनिक तकनीकों के साथ आगे बढऩे में मदद करेंगी।
इस आयोजन में भारत ने ऊर्जा आपूर्ति के विभिन्न स्रोतों को मजबूत करने और तेल एवं गैस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई अहम समझौते किए। मंत्री के अनुसार, ये समझौते भारत को शक्तिशाली और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
भारत ने कच्चे तेल के आयात के लिए ब्राजील की कंपनी पेट्रोब्रास के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) 6 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीदेगा। इसके अलावा, प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी एडीएनओसी ने एक बड़ा समझौता किया है, जिसमें 2026 से शुरू होकर अगले 14 वर्षों तक भारत को 1.2 मिलियन टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की आपूर्ति की जाएगी। इस सौदे की कुल कीमत $7 बिलियन बताई जा रही है। इसी तरह, बीपीसीएल और एडीएनओसी ने 2.4 मिलियन टन एलएनजी की आपूर्ति के लिए पांच साल का करार किया है, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
भारत अब क्षेत्रीय ऊर्जा आपूर्तिकर्ता के रूप में भी अपनी भूमिका बढ़ा रहा है। इसी दिशा में, आईओसीएल ने नेपाल की योग्या होल्डिंग्स के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत ओडिशा के धामरा टर्मिनल से हर साल 1,000 मीट्रिक टन एलएनजी नेपाल को भेजा जाएगा।
तकनीकी क्षेत्र में भी भारत ने अहम कदम उठाए हैं। भारत की सबसे बड़ी अपतटीय तेल परियोजना, मुंबई हाई फील्ड के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए ओएनजीसी ने बीपी को तकनीकी सेवा प्रदाता के रूप में चुना है। बीपी इस क्षेत्र में तकनीकी सुधार करेगा और उत्पादन को स्थिर रखने में मदद करेगा। इसके अलावा, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) और बीपी बिजनेस सॉल्यूशंस इंडिया ने एक समझौता किया है, जिसमें रिफाइनिंग, पाइपलाइन संचालन और उत्सर्जन को कम करने के लिए नई तकनीकों पर काम किया जाएगा।
अपतटीय अन्वेषण के क्षेत्र में, भारत ने ब्राजील की कंपनी पेट्रोब्रास के साथ एक और समझौता किया है, जिसमें भारत, ब्राजील और अन्य देशों में तेल और गैस परियोजनाओं में संयुक्त रूप से भाग लिया जाएगा। इसके तहत दोनों कंपनियां कम कार्बन समाधानों और डिजिटलीकरण के नए अवसरों को तलाशेंगी। इसके अलावा, ऑयल इंडिया लिमिटेड और पेट्रोब्रास ने भारत के समुद्री क्षेत्रों में हाइड्रोकार्बन अन्वेषण के लिए एक समझौता किया है।
स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत ने कई कदम उठाए हैं। बीपीसीएल ने इजरायल की कंपनी इको वेव पावर के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत मुंबई में देश की पहली वेव एनर्जी पायलट परियोजना शुरू की जाएगी। इस परियोजना में समुद्र की लहरों से बिजली उत्पन्न करने की तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
इसके अलावा, जैव ईंधन के क्षेत्र में बीपीसीएल ने कानपुर स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत मीठी ज्वार से बायोएथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। यह पहल किसानों और उद्योग के लिए नए अवसर खोलेगी। इसके अलावा, बीपीसीएल ने एलपीजी (प्रोपेन और ब्यूटेन) की आपूर्ति के लिए इक्विनोर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी एक समझौता किया है।

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