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, March 14, 2025 in
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सरकार का बड़ा फैसला, अब पतंग उड़ाने पर लगेगा 50 लाख रुपए का जुर्माना

नई दिल्ली । लाहौर के दारुल इफ्ता जामिया नइमिया की ओर से पुलिस विभाग से मशविरे के बाद इस संबंध में फतवा जारी किया गया है। फतवे के अनुसार अब पाकिस्तान में पतंग उड़ाना, बाइक को एक पहिये पर चलाने पर और हवाई फायरिंग को गैर-इस्लामी करार दिया गया है। वहीं, पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध को लेकर पंजाब विधानसभा ने एक बिल भी पास किया है।
फतवे में कुरान और हदीस की कई आयतों का हवाला देते हुए कहा कि ये तीनों चीजें करना अपराध हैं और इस्लाम के अनुसार भी ये हराम हैं। इन तीनों के पीछे फतवे में वजह भी बताई गई है और कहा गया कि इनके चलते इंसानी जिंदगी को खतरा पैदा हो रहा है। इस्लाम में ऐसे किसी भी काम को हराम माना गया है, जिससे इंसानी जिंदगी के लिए खतरा पैदा होता हो। इसलिए इन पर पाबंदी लगाई जाती है। लाहौर पुलिस की ओर से एक डेटा जारी किया गया था, जिसमें बताया गया कि बड़ी संख्या में देश में लोग पतंगों के मांझे, गलत तरीके से बाइक चलाने और हवाई फायरिंग में मारे जाते हैं। अकसर खुशी के मौके पर हवाई फायरिंग की जाती है। फतवे में कहा गया कि इन तीनों चीजों से ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिससे परिवार में मातम छा जाता है। इसलिए इन्हें गैर-इस्लामी और हराम घोषित किया जाता है। लाहौर पुलिस और इस्लामिक संस्था की ओर से जारी फतवे में चेतावनी दी गई है कि इन गतिविधियों को करने पर सजा दी जाएगी। कहा गया है कि इनसे इंसानी जान को खतरा पैदा होता है। इसलिए इनकी किसी को परमिशन नहीं दी जा सकती।
इतनी होगी सजा
पतंग उड़ाते पकड़े जाने पर 3 से 5 साल की जेल या 20 लाख पाकिस्तानी रुपए (6 लाख भारतीय रुपए) का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। जुर्माना न भरने पर एक साल की अतिरिक्त जेल भी हो सकती है। बिल में पतंग बनाने वाले और इसे बेचने वालों के लिए भी कठोर सजा का ऐलान किया गया है। इन्हें 5 से 7 साल जेल या 50 लाख रुपए जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। जुर्माना न भरने पर 2 साल की अतिरिक्त जेल हो सकती है। इस कानून में नाबालिगों के लिए सजा का प्रावधान अलग से किया गया है। नाबालिगों को पहली बार अपराध करने पर 50 हजार रुपए और दूसरी बार में 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। तीसरी बार अपराध करने पर 2018 के जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सजा दी जाएगी।
इस्लामिक विद्वानों ने फतवा जारी करते हुए कहा कि इस्लाम हमेशा इंसानी जीवन बचाने की वकालत करता है। इसलिए उसे खतरे में डालने वाली कोई भी चीज गैर-इस्लामी होगी। फतवे में कहा गया है कि ऐसी चीजें करना खुदकुशी करने के समान है और इस्लाम में ऐसा करना हराम है।

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