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, March 14, 2025 in
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एनएसईएफआई ग्रीन डेटा सेंटर कोएलिशन ने नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के रोडमैप पर की चर्चा

डेटा सेंटरों के डीकार्बनाइजेशन की दिशा में बढ़ाया पहला कदम
नई दिल्ली । नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनएसईएफआई) के ग्रीन डेटा सेंटर कोएलिशन ने अपनी पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित की, जिसमें डेटा सेंटर उद्योग को हरित ऊर्जा की ओर ले जाने और इसे अधिक टिकाऊ बनाने पर चर्चा हुई। इस मंच का उद्देश्य भारत में डेटा सेंटरों के डीकार्बनाइजेशन को तेज़ी से आगे बढ़ाना और उनके लिए एक मजबूत ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम तैयार करना है। कोएलिशन की अध्यक्षता विक्रम श्रीधरन (डायरेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर और पब्लिक पॉलिसी, एशिया पैसिफिक और जापान, ए डब्लू एस ) और शरद अग्रवाल (सीईओ, सेफ्टी इनफिनिट स्पेस लिमिटेड) कर रहे हैं। बैठक में उद्योग जगत के प्रमुख खिलाडिय़ों ने भारत की विशाल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का उपयोग कर डेटा सेंटरों को कैसे क्लीन और ग्रीन एनर्जी पर स्थानांतरित किया जाए, इस पर विचार-विमर्श किया। ए डब्लू एस के विक्रम श्रीधरन ने कहा, “भारत में डेटा की मांग बढ़ रही है, जिससे ऊर्जा की खपत भी तेज़ी से बढ़ रही है। ए आई , ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं के बढ़ते उपयोग के कारण यह ट्रेंड और तेज़ होगा। अमेजऩ इस बढ़ती जरूरत को पूरा करने के साथ-साथ अपने संचालन को 100त्न नवीकरणीय ऊर्जा पर स्थानांतरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम भारत में ग्रीन डेटा सेंटर को बढ़ावा देने के लिए इस कोएलिशन को एक अहम मंच के रूप में देखते हैं।”शरद अग्रवाल, सीईओ, सेफ्टी इनफिनिट स्पेस ने कहा कि “आने वाले दशक में भारत में डेटा सेंटर उद्योग तेज़ी से बढ़ेगा, और इसके साथ ही ऊर्जा की मांग भी कई गुना बढ़ेगी। वर्तमान में डेटा सेंटर 1.3त्न बिजली की खपत करते हैं, लेकिन ए आई आधारित वर्कलोड के कारण यह जल्द ही 4त्न तक पहुंच सकता है। हमें अभी से नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, बड़े पैमाने पर समाधान और सभी हितधारकों के साथ समन्वय पर ध्यान देना होगा, ताकि हम इस बदलाव के लिए तैयार रह सकें। दीपक गुप्ता, आईएएस (सेवानिवृत्त), मानद महानिदेशक – एनएसईएफआई, पूर्व सचिव, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय एवं पूर्व अध्यक्ष, यूपीएससी ने इस पहल को भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को एक साथ लाने की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे डेटा की मांग बढ़ रही है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सतत और पर्यावरण के अनुकूल हो एनएसईएफआई इस बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों और सरकार के साथ मिलकर काम करेगा।” यह कोएलिशन, जो एन एस ई एफ आई द्वारा आयोजित पहले अल इन रे शिखर सम्मेलन में लॉन्च हुआ है, जल्द ही डेटा सेंटरों के डीकार्बनाइजेशन के लिए विशेष नीतिगत सिफारिशें तैयार करेगा और केंद्रीय एवं राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस दिशा में कदम उठाएगा। साथ ही, यह नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता से जुड़े इनोवेटिव समाधानों को विकसित करने पर भी कार्य करेगा, जिससे भारत का डिजिटल भविष्य हरित और टिकाऊ बन सके।

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