
चौधरी अस्पताल कुराली ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से निकाली 20 किलो की रसोली
कुराली। स्थानीय शहर के सिंघपुरा रोड पर स्थित चौधरी अस्पताल में एक सफल ऑपरेशन किया गया है, जहां डॉक्टरों ने एक कुराली निवासी महिला मरीज के पेट से 20 किलोग्राम वजनी रसोली सफलतापूर्वक निकालने में सफलता प्राप्त की है। यह ऑपरेशन चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। मरीज, काल्पनिक नाम सरबजीत कौर, पिछले कई महीनों से पेट में अत्यधिक सूजन, दर्द और असहजता का सामना कर रही थीं। प्रारंभ में, उन्होंने इन लक्षणों को सामान्य गैस्ट्रिक समस्याओं के रूप में नजरअंदाज किया, लेकिन जब उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और पेट की सूजन बढ़ती गई, तो उन्होंने चिकित्सा सलाह लेने का निर्णय लिया। जिस उपरान्त्त उन्होंने अपने शरीर की जाँच कई सरकारी अस्पतालों मे करवाई पर भरोसेमंद एवं आधुनिक तकनीक से इलाज के लिए वह महिला कुराली के चौधरी अस्पताल मे ही पहुंची। चौधरी अस्पताल में पहुंचने पर, डॉक्टरों ने सरबजीत कौर की विस्तृत चिकित्सा जांच की। अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन जैसे परीक्षणों के माध्यम से पता चला कि उनके पेट में एक विशाल ट्यूमर मौजूद है, जिसका वजन काफी किलोग्राम है। इस ट्यूमर के कारण उनके आंतरिक अंगों पर दबाव बढ़ रहा था, जिससे उन्हें अत्यधिक असहजता और दर्द हो रहा था।
अस्पताल के डॉक्टर मनन सिंह एवं डॉक्टर राजिंदर सिंह डॉक्टरों की टीम ने कुछ दिन महिला मरीज के शरीर की जांच कर सर्जरी का निर्णय लिया, क्योंकि ट्यूमर का आकार और वजन मरीज के जीवन के लिए खतरा बन सकता था। सर्जरी का नेतृत्व वरिष्ठ डॉक्टर राजिंदर सिंह एवं डॉक्टर मनन सिंह ने किया, जिनके साथ उनकी विशेषज्ञ टीम थी। ऑपरेशन लगभग 5 घंटे तक चला, जिसमें 20 किलोग्राम करीब के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला गया। सर्जरी के दौरान, डॉक्टरों ने अत्यधिक सावधानी बरती ताकि मरीज के अन्य आंतरिक अंगों को कोई नुकसान न पहुंचे।
सर्जरी के बाद, सरबजीत कौर को आईसीयू में निगरानी में रखा गया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति स्थिर है और वे तेजी से स्वस्थ हो रही हैं। उन्हें कुछ दिनों तक अस्पताल में निगरानी में रखा जाएगा, जिसके बाद उन्हें घर भेजा जा सकता है। डॉक्टरों ने उन्हें नियमित फॉलो-अप और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी है।
डॉ. मनन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, यह सर्जरी हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन हमारी टीम के सामूहिक प्रयासों से हम इसे सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम हुए। मरीज की तेजी से हो रही रिकवरी हमारे लिए संतोषजनक है। वहीं सरबजीत कौर और उनके परिवार ने डॉक्टरों और अस्पताल के स्टाफ का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, हम डॉक्टरों के आभारी हैं जिन्होंने मेरी जान बचाई। अब मैं पहले से बेहतर महसूस कर रही हूं और जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ हो जाऊंगी। चौधरी अस्पताल के डॉक्टरों का का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति के पेट में असामान्य सूजन, दर्द या अन्य असहजता के लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए। प्रारंभिक निदान और उपचार से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। वहीं चौधरी अस्पताल में हुई इस सफल सर्जरी ने चिकित्सा क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। यह घटना न केवल चिकित्सा विज्ञान की प्रगति को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप से जीवन को बचाया जा सकता है। मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे अपने शरीर में किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें और समय पर चिकित्सा सलाह लें।
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